बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव हर किसी के दिल में अपनी एक अलग ही पहचान बना चुके थे ,जिसके वजह से वे घर-घर मशहूर है। पॉपुलर कॉमेडियन राजू का 58 साल की उम्र में निधन हो गया है । उन्हें जिम करते हुए हार्ट अटैक आ गया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली में एम्स हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, इलाज के दौरान उनकी हालत स्थिर हुई लेकिन वापस से बिगड़ गई। एम्स में उनका इलाज 42 दिनों तक चला, अंत में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन तब तक वे अपनी सांसे छोड़ चुके थे। राजू श्रीवास्तव ने अपनी कॉमेडी और अभिनय से लोगों को हंसाने पर मजबूर किया है। उन्होंने रियलिटी शो और फिल्मों के द्वारा किसी ना किसी तरीके से लोगों का मनोरंजन किया है। कानपुर में जन्मे सत्यम श्रीवास्तव ने अपने सफलता के लिए बेहद ही ज्यादा परिश्रम किया और कैसे उन्होंने मिडिल क्लास से अपनी कामयाबी का सफर तय करते हुए हर किसी के दिल में जगह बनाई।
पॉपुलर कॉमेडियन राजू का 58 साल की उम्र में निधन
बता दें कि राजू को 10 अगस्त को दिल्ली में हार्ट अटैक के बाद AIIMS में भर्ती करवाया गया था। शाम को डॉक्टर ने उनके एंजीयोप्लास्टि की लेकिन उनका ब्रेन रिस्पांस नहीं कर रहा था। डॉक्टरों की जांच में पता चला कि हार्ट के एक हिस्से में 100% पर्सेंट ब्लॉकेज है। अंत में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया ,15 दिन पहले सुधार की खबरें भी आई थी, लेकिन कुछ ही समय बाद उनकी हमारे बीच में रहने की खबर आई। आपको बता दें कि 13 अगस्त को बिग बी ने भी राजू को एक मैसेज भेजा था कि “राजू बस बहुत हुआ, अभी बहुत काम करना है। अब उठ जाओ हम सब को हंसाना सिखाते रहो। इतना ही नहीं राजू के लिए महामृत्युंजय का जाप भी हुआ था। राजू श्रीवास्तव की मृत्यु का फैंस से लेकर सेलिब्रिटी तक सब को गहरा सदमा पहुंचा है। उनकी हंसाने की कला ने लोगों को बहुत प्रभावित किया है।
ऑटो चलाते-चलाते उन्होंने लोगों का मनोरंजन बखूबी किया
भले ही राजू श्रीवास्तव एक सफल कॉमेडियन और अभिनेता थे ,लेकिन उनका कैरियर बहुत ही उतार-चढ़ाव भरा था। कानपुर की मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे राजू के पिता सरकारी कर्मचारी थे। उन्हें कविताएं लिखने का बहुत ही ज्यादा शौक था। छुट्टियों में वह कवि सम्मेलन में हिस्सा लिया करते थे जहां उन्हें लोग बलाई काका के नाम से जानते थे और मनोरंजन करने का यह गुण राजू को विरासत के तौर पर मिला था। बचपन से ही राजू को मिमिक्री करने का शौक था, राजू अपनी प्रेरणा अमिताभ बच्चन को बताते हैं क्योंकि फिल्म दीवार देखने के बाद राजू ने एक्टर बनने का फैसला किया था। उन्हें बचपन से ही एक्टर बना था इसलिए अपना सपना पूरा करने के लिए मुंबई आ गए, पर यहां पर उनके पास न खाना खाने के पैसे थे और न ही रहने के , फिर उन्होंने ऑटो चलाना शुरु किया। ऑटो चलाते-चलाते उन्होंने लोगों का मनोरंजन बखूबी किया। मुंबई में राजू को करीब चार-पांच साल तक संघर्ष करना पड़ा था। राजू को एक बार स्टेज पर परफॉर्मेंस करने का मौका मिला जिसमें उन्हें ₹50 मिला करते थे जिसके बाद वे लगातार शोज में काम करने लगे। इस तरह सफल कॉमेडियन बनने के बाद वे कई फिल्मों में काम करने लगे और लोगों को किसी ना किसी तरीके से हंसाने लगे।