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अब ओयो होटल में गर्लफ्रेंड को ले जाना पड़ सकता है भारी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

अब ओयो होटल में गर्लफ्रेंड को ले जाना पड़ सकता है भारी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

पूरे भारतवर्ष में अवैध तरीके से चल रहे हैं गेस्ट हाउस होमस्टे ओयो होटल्स आदि की गतिविधियों को देखते हुए अभी हाल ही में ओयो होटल स्नेह अपनी कस्टमर सर्विस को बदलते हुए नए रूल्स का अपडेट दे दिया है, आए दिन गेस्ट हाउस ओयो होटल में पुलिस की रेड पढ़ना एक आम बात हो चुकी है, इन सभी को एक निश्चित कानूनी प्रक्रिया के दायरे में लाने के लिए गृह विभाग नियमावली तैयार की जा रही है, इसके तहत सभी के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा वही मेहमानों के वितरण से लेकर सुरक्षा तक के लिए मानक तय किए जाएंगे जिसका पालन करना अति आवश्यक और बेहद जरूरी होगा आइए जानते हैं, सरकार ने इन स्टे रूम्स के लिए क्या-क्या नया अपडेट निकाला है।

जान ले पूरे नियम और ले ले पूरी जानकारी

अब ओयो होटल में गर्लफ्रेंड को ले जाना पड़ सकता है भारी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

शहरों से लेकर कस्बों तक पूरे भारतवर्ष में आज ओयो होटल्स ने एक अलग ही लोकप्रियता हासिल की हुई है, नितेश अग्रवाल जो कि ओयो होटल्स के सीईओ है, अभी हाल ही में नितेश अग्रवाल ने अपने ओयो होटल्स यानी कि स्टे रूम्स के लिए एक बड़ा रूल निकाला है, वैसे तो जब भी कभी ओयो रूम्स की बात आती है तो हर इंसान का दिमाग एक ही जगह जाकर रुकता है, आपकी बात बिल्कुल सही है, और शायद इसीलिए भारत सरकार इन स्टेट रूम पर एक रूल निकालने वाली है, जिनको मानकर उनका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होगा होटल गेस्ट हाउस या होमस्टे जुड़े व्यवसाय स्थानों के संचालन के लिए उनका शायर एक के तहत पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है, हालांकि जांच में यह तथ्य सामने आए हैं, कि ऑनलाइन बिजनेस चैन और सर्विस प्रोवाइडर के जरिए हर शहर में बड़े पैमाने पर खुले रूम और होटल्स होमस्टे या ओयो रूम्स बिना समुचित पंजीकरण के खुले हुए हैं, इसमें कहीं तो आवासीय क्षेत्रों में चल रहे हैं जहां पर व्यवसाई गतिविधियों की अनुमति नहीं है।

निगरानी रखना हो गया है काफी ज्यादा जरूरी

अब ओयो होटल में गर्लफ्रेंड को ले जाना पड़ सकता है भारी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

ओयो रूम्स कैसी हो नितेश अग्रवाल ने अभी हाल ही में एक बड़ा बयान दिया जिसमें उनका कहना है कि सियार एक के मौजूदा प्रावधानों की कमियों का फायदा उठाकर यह संस्थाएं बस जाती है, पंजीकरण न होने के चलते बहुत बार इनका रिकॉर्ड नहीं होता इसके जो अब देखते करने में भी दिक्कत होती है, या रुकने वाले व्यक्तियों या मेहमानों के पहचान पत्र में लिए जाते हैं, नहीं इनकी जानकारी सिक्योरिटी कैमरा में कैद की जाती है, इसे किसी घटना की स्थिति में दोषियों की पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है, बहुत बार और चक छापों में देह व्यापार के मामले या अपराधियों के रुकने के मामले भी शामिल हुए हैं, आज सुरक्षा जैसे मानक पूरे नहीं होते बदलते ट्रेंड को देखते हुए इन के नियम के लिए एक जरूरी कदम उठाना चाहिए इसलिए करें विभाग यूपी होटल्स अन्य पूरक आवास नियमावली तैयार कर रहा है, पिछले महीने सीएम योगी ने इसमें प्रस्तावित स्वरूप का एक प्रजेंटेशन हुआ था, सूत्रों के अनुसार इस पर संधान तक सहमति बन गई है जल्द ही प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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